सीएचएमओ कार्यालय के आदेश पर डॉ. राकेश शर्मा की एनेस्थीसिया डिप्लोमा की होगी जांच

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शासन को हुई शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने दिये आदेश

सुरेश मिनोचा

बैकुंठपुर

कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बैकुंठपुर के द्धारा संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं रायपुर के आदेश पर दो सदस्यीे जाच दल को डॉ० राकेश शर्मा, संचालक शर्मा हॉस्पिटल बैकुंठपुर के एनेस्थीसिया में डिप्लोमा के दस्तावेज की जाच के लिए नियुक्त किया है। जाच के लिए डॉ. श्रेष्ठ मिश्रा, खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनहत, संगीता सिंह, सहायक ग्रेड 03 को
आवेदक डॉ. प्रिस जायसवाल, निवासी बैकुंठपुर की शिकायत पर अस्पताल संचालक, डॉ. राकेश शर्मा, शर्मा हॉस्पिटल बैकुंठपुर के एनेस्थीसिया में डिप्लोमा के दस्तावेज की जांच करने की जिम्मेदारी दी गई है।

गौरतलब हो कि बैकुंठपुर निवासी डॉ. प्रिंस जायसवाल ने शासन के अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से एक निजी हास्पिटल संचालक डाक्टर के एनेस्थीसिया में डिप्लोमा के दस्तावेज की जांच कराने की मांग की थी। उन्होने अपने लिखित पत्र में कहा है कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त डाक्टर के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य उपचर्यागृह तथा रोगोपचार संबंधी अधिनियम, 2013 अंतर्गत पंजीयन के लिए संलग्न एनेस्थीसिया में डिप्लोमा का जो दस्तावेज अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से सन् 1993 में पैरामेडिकल डिप्लोमा इन एनेस्थीसिया का प्रस्तुत किया गया है। जबकि डा. प्रिंस के द्वारा आरटीआई लगाकर विद्यालय से जानकारी ली गई। जिस पर विश्व विघालय ने जो जवाब दिया वह अपने आप में पूरे मामले से पर्दा हटाने के लिए काफी है। विश्वविद्यालय ने आरटीआई का लिखित जवाब में कहा है कि पैरामेडिकल डिप्लोमा इन एनेस्थीसिया चिकित्सक जैसा कोई कोर्स उनके यहा संचालित ही नही होता है। इसलिए डा. प्रिंस ने कहा कि कई दशको से संचालित निजी हास्पिटल के डाक्टर की योग्यता की उच्चस्तरीय जाच होनी चाहिए।


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