मनेंद्रगढ़ /मनेंद्रगढ़ भगतसिंह चौक के समीप स्थित जमीन जो कि भूपेंद्र क्लब की जमीन है ,जिस पर 50 वर्षों से ऊपर व्यवसाईयों के द्वारा कब्जा किया गया था इससे वह अपनी रोजी रोटी चला रहे थे। शासन के द्वारा इन व्यवसाईयों को कई बार नोटिस दिया गया था की
अपनी-अपनी दुकानों को खाली कर देना, किंतु इनके द्वारा अपनी दुकान खाली नहीं की गई थी।

अंततः हाईकोर्ट के निर्देशानुसार इन समस्त दुकानों को खाली करने की नोटिस स्थानीय एसडीएम के द्वारा जारी किया गया था, आज प्रशासनिक हमले के द्वारा इन समस्त दुकानों पर बुलडोजर चला कर जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की गई,

कार्यवाही के दौरान कोई अप्रिय घटना या वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए एम सी बी जिले के पुलिस प्रशासन की पुरी टीम,
प्रशासनिक अधिकारी दल-बल के साथ मौजूद थे,

आपको बता दें कि लगभग 50 वर्षों से कई अवैध कब्जा धारियों द्वारा क्लब की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाकर किराया वसूला जा रहा था।

नगर में लंबे समय से चर्चा का विषय बना भूपेंद्र क्लब का अतिक्रमण आज प्रशासनिक कार्रवाई के दायरे में आ गया है। रविवार सुबह होते ही नगर प्रशासन और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ क्लब परिसर पहुंची।
भूपेंद्र क्लब के आसपास के हिस्सों में कई वर्षों से अवैध कब्जे की शिकायतें मिल रही थीं शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए नगर प्रशासन ने पूर्व में ही नोटिस जारी कर दिया था और अब उसी पर अमल करते हुए आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रारंभ की गई
हालांकि कुछ दुकानदारों ने खुद से अतिक्रमण हटाया है।

कार्यवाही के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है। मौके पर तहसीलदार, नगर पालिका के अधिकारी, पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी, तथा अतिक्रमण हटाओ दल उपस्थित हैं। सभी कार्यवाही वीडियोग्राफी के साथ संपन्न की गई ताकि किसी भी पक्ष को कानूनी आपत्ति का मौका न मिले।

स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
जहां एक ओर स्थानीय नागरिक प्रशासन की इस कार्यवाही की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ प्रभावित दुकानदारों और कब्जाधारियों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था देने के बाद ही कार्यवाही होनी चाहिए थी। प्रशासन का कहना है कि उन्हें पहले ही नोटिस और पर्याप्त समय दिया गया था।
प्रशासन का स्पष्ट संदेश
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह अभियान केवल भूपेंद्र क्लब तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नगर क्षेत्र के अन्य अवैध कब्जों पर भी सख्ती से कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर की सुंदरता, सार्वजनिक स्थानों की उपलब्धता और आम नागरिकों की सुविधा के लिए यह आवश्यक कदम है।
कार्यवाही से सबक :
- अवैध कब्जा कभी स्थायी नहीं होता – चाहे वर्षों से कब्जा हो, कानून जब चलता है तो अतिक्रमण हटना तय होता है।
- नियमों की अनदेखी महंगी पड़ती है – प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी के बावजूद कब्जाधारियों ने सुधार नहीं किया, जिसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ा।
- समय रहते चेत जाएं – यदि किसी भी सार्वजनिक या सरकारी भूमि पर कब्जा है, तो उसे खुद हटाना बेहतर होता है, वरना प्रशासन की सख्ती का सामना करना पड़ सकता है।
- प्रशासनिक चेतावनी को हल्के में न लें – नोटिस मिलने के बाद यदि कार्यवाही नहीं की जाती, तो प्रशासन को मजबूरन सख्त कदम उठाने पड़ते हैं।
- शहर की सुव्यवस्था सबकी जिम्मेदारी है – अतिक्रमण से आम जनता को परेशानी होती है, इसलिए नागरिकों को खुद भी जिम्मेदार बनना चाहिए।
- कानून सबके लिए समान है – चाहे व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, अवैध कब्जा करने वालों पर प्रशासन का डंडा चलना तय है।